Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
असल जिंदगी बशर हर तर्ज़ ओ तक़रीर से परे होती है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

असल जिंदगी बशर हर तर्ज़ ओ तक़रीर से परे होती है

  • 67
  • 1 Min Read

कलम दवात सियाही पन्ने इबारत तहरीर से परे होती है
असल जिंदगी बशर हर तर्ज़ ओ तक़रीर से परे होती है
©डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"
१७/०८/२०२३

logo.jpeg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg