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सबा से गुज़र जाओ - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

सबा से गुज़र जाओ

  • 99
  • 3 Min Read

कांटो के बीच रह कर
गुल खिलाओ तो बात बने!

कांटो की चुभन में भी
मुस्कुराओ तो बात बने!

कीचड़ में भी कमल से
खिल जाओ तो बात बने!

मुफ़लिसी मेंभी अमीरी
दिखलाओ तो बात बने!

अमीरी मेंभी फ़क़ीरीसे
जीकर बताओतो बातबने!

फ़ानी जिंदगानीमें आकर
सुकूँसे रहपाओ तो बात बने!

छालों-भरे पांव लेकर
सफ़र करपाओ तो बात बने!

अग्निपथ पर चल कर
मंज़िल पाओ तो बात बने!

मंज़िल पाकरभी बशर
चलते जाओ तो बात बने!

दश्ते-हयात में सबा से
गुज़र जाओ तो बात बने!

डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"
१६/०८/२०२३

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