कविताअतुकांत कविता
माँ
उस पैसे का क्या मतलब ,
जिसकी हकदार माँ ना हो
उस घर का क्या मतलब ,
जिसमें माँ के ममता की साया ना हो
उस इज्जत का क्या मतलब ,
जिसपर गर्व करने वाली माँ ना हो
उस जिंदगी का क्या मतलब ,
जिसको संजोने वाली माँ ना हो
बुरे वक्त में दुनियाँ पीछे हट जाती है ,
उस बुरे वक्त में माँ ही साथ निभाती है
जब चोट लगती है तब,
दुनियाँ हाल पूछने आती है
लेकिन उस चोट पर ,
माँ ही मरहम लगाती है ।
विशाल कुमार धुसिया