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आगाज़े-सफ़र कर रहा है तू - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

आगाज़े-सफ़र कर रहा है तू

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  • 1 Min Read

येह क्या कर रहा है तू!
अपने भीतर मर रहा है तू!!
कुछतो खुदको बचाकर रख बशर!!!
अभीतो आगाज़े-सफ़र कर रहा है तू!!!!

#बशर
डॉ एन आर कस्वां
Surrey : 29/07/2023

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