Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जो कभी नहीं रोते बशर उन्हे क्या ग़म नहीं होते - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जो कभी नहीं रोते बशर उन्हे क्या ग़म नहीं होते

  • 110
  • 2 Min Read

हरसू हरबार बेबात बोलने वाले हरदम नहीं होते
ख़ामोश लोगों के पास भी लफ़्ज कम नहीं होते

माना के उनके चश्मे-तर रूख़सार नम नहीं होते
जो कभी नहीं रोते बशर उन्हे क्या ग़म नहीं होते


©️✍️बशर
Dr.N.R.Kaswan
Surrey: 27/07/2023

InCollage_20230726_204324871_1690481271.png
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg