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कवितानज़्म
गर्दओग़ुबार है फ़िज़ा में बहुत चेहरा ढकने को हिज़ाब रख, घट जाएंगी येह रक़ाबतें बशर कुछ कम अपने अहबाब रख!! डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर