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कवितानज़्म
तक़ाज़ा -ए -तबीअत - ए -विसाल -ए -हबीब का वादा भी नहीं है! हिज्र-ओ-फ़ुर्क़त में हबीब के कभी बसर करने का इरादा भी नहीं है! ©️✍️ बशर Dr.N.R.Kaswan 21/07/2023