कवितानज़्म
पीरों और फकीरों के
जंतर - मंतर कहाँ हैं!
योगी भोगी वो निरोगी
संतओकलंदर कहां हैं!
विश्व -विजेता - सम्राट
वोह सिकंदर कहाँ है!
बने हुएथे तीस मारखां
वोह धुरंधर कहाँ हैं!
पानी सहरा हो गया है
वोह समंदर कहाँ है!
झूठ का है बोल-बाला
राजा हरिश्चंद्र कहाँ है!
बाहर तू ढूंढता है बशर
बंदे तिरा अंदर कहाँ है!
©️✍️बशर
Dr.N.R.Kaswan
Surrey:20/7/2023