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ख़ामोश रहकर बशर वो अश्आर हज़ार कह देते हैं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ख़ामोश रहकर बशर वो अश्आर हज़ार कह देते हैं

  • 37
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वोह बार - बार छुपा लेते हैं हम हर बार पढ लेते हैं
ख़ामोश रहकर बशर वो अश्आर हज़ार कह देते हैं

©️✍️ #बशर
Dr.N.R.Kaswan
Surrey:16/7/2023

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