Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
आजमाइश - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

आजमाइश

  • 69
  • 2 Min Read

आज़माकर हम ने भी
इस जमाने में देखी है !
कमी - बेशी अदब से
पेश आने में देखी है !
हक़ीक़त सलीके की
निभाने में देखी है !
लियाक़त ओ शराफत
हया छुपानेमें देखी है !
तमीज़ क्या होती है
शरमाने में देखी है !
सब्र-ओ-क़रार मर्यादा
दिखाने में देखी है !
इल्मो ओ हुनर इज़्ज़त
कमाने में देखी है !
हरकतें छिछली बशर
मान गवाने में देखी है!

©️✍️बशर
Dr.N.R.Kaswan
Surrey: 25/07/2023

IMG-20230618-WA0008_1690333061.jpg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg