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कवितानज़्म
महब्बत महब्बत होती है, वादा इरादा कुछ नहीं होती! होती है या नहीं होती है, कम ज्यादा कुछ नहीं होती! ©️✍️ बशर Dr.N.R.Kaswan Surrey:22/07/2023