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कवितानज़्म
दिल -ए -नाशाद तक़दीर बनाना चाहता है अहसासों की रंगी तस्वीर बनाना चाहता है उम्मीदों को रांझे की हीर बनाना चाहता है ख़ुदको खुद बशर फ़कीर बनाना चाहता है ©️✍️ #बशर Dr.N.R.Kaswan Surrey:16/7/2023