Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
तिरा हिज्र, तिरी फ़िक्र, तिरा ज़िक्र, ये तिरा अहसास ए वजूद क्यूं रहता है! तू नहीं है मिरे पास फिर भी येह तेरा अहसास मेरे साथ मौजूद क्यूं रहता है!! ©️✍️ #बशर Dr.N.R.Kaswan Surrey:15/7/2023