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कवितानज़्म
क़रीबी का एहसास बनाए रख रिश्तों में विश्वास बनाए रख! राब्ता -ए - हयात होते हैं खास अपनों की आस बनाए रख!! ©️✍️ #बशर Dr.N.R.Kaswan Surrey:9/7/2023