कविताअन्य
सुना है के ग़रीब के घर सपने नहीं होते
भर-पेट अक्सर उस के बच्चे नहीं सोते
खिलौनों के लिए कभी जिद्द नहीं करते
मिठाइयाँ उन्हें ज्यादा स्वाद नहीं लगती
गर रोटी मिल जाए कभी तो खा लेते हैं
वे ततैया के डंक मार जाने पर नहीं रोते
मधुमक्खी काट खाए उफ्फ नहीं करते
चोट लगने से उन्हे ज्यादा दर्द नहीं होता
भूखेपेट सोने से नींद में सपने नहीं होते
©️✍️बशर
Dr.N.R.कस्वां
Surrey:7/7/2023