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कवितानज़्म
लहरों पर इल्ज़ाम लगाया दरिया का कसूर देखा! खुद सुराख कश्ती में करके नाख़ुदा का कसूर देखा! ©️✍️ #बशर Dr.N.R.Kaswan Surrey 7/7/2023