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कवितानज़्म
सब के अपने फ़न हैं जुदा सब की फ़नकारी है दुनिया है एक मग़र जुदा सब की दुनियादारी है मुझे मेरे किरदार से बशर इस क़दर वफ़ादारी है ना बनावट है न दिखावा है ना कोई अदाकारी है ©️✍️ #बशर Dr.N.R.Kaswan Surrey:11/7/2023