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चाल बशर उक़ज़ा की मतवाली है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितागजल

चाल बशर उक़ज़ा की मतवाली है

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  • 2 Min Read

माना कि ख़्वाहिशें ख़त्म न होंगी
हर चाहके बाद चाह नई आने वाली है!

मुसलसल सिलसिला है हसरतों का
हयात -ए-मुस्तार की हसरतें निराली है!

यूं तो येह दिल भर गया जमाने से
एक जगह मग़र बशर कहीं खाली है!

मुंतज़िर बैठे हैं हम उनके आने के
जिनके आने से जगह ये भरने वाली है!

है मग़रूर मग़र वो आएगी ज़रूर
चाल बशर उस क़ज़ा की मतवाली है!

©️✍️ #बशर
Dr.N.R.Kaswan
Surrey:10/7/2023

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