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अंग-प्रदर्शन - Samrat Haihaywanshi (Sahitya Arpan)

लयबद्ध कविता

अंग-प्रदर्शन

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मानव लोभी, काम-पिपासु,
क्या फ़र्क करे गुण-अवगुण में?
मूल्य नहीं नारी प्रतिभा का,
चाह विलास की वह माया रचे।

प्रशंसा पाती वस्त्रहीन तो
कला और ज्ञान का आदर क्यों?
कामी संसार और उपेक्षित नारी
यहीं प्रेरित करें अंग प्रदर्शन को।

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