कवितागीत
हिंदी गीत
वो आखिरी खत तेरा पढ़कर बहुत रोया हूं मैं,
हो सके तो भूल जाना सुनकर बहुत रोया हूं मैं।
जिसके बगैर मेरा एक पल भी नहीं कटता था,2
आज उसकी याद में तड़फकर बहुत रोया हूं मैं।
वो आखिरी खत तेरा ......
पता नहीं अब मुझको मैं कैसे उसे भूल पाऊंगा,2
रातों को करवटें बदल बदलकर बहुत रोया हूं मैं।
वो आखिरी खत तेरा ......
वो मासूम सा चेहरा तेरा तेरी बातें प्यारी प्यारी,2
तेरी तस्वीर को सीने पे रखकर बहुत रोया हूं मैं।
वो आखिरी खत तेरा ......
ये भी जानता हूं मैं तुम कभी नहीं मिलोगे मुझे,2
फिर भी पागल दिल से लड़कर बहुत रोया हूं मैं।
वो आखिरी खत तेरा ......
गीतकार - पवन शर्मा
शिमला, हिमाचल प्रदेश
9816417445