कवितागजल
आपकी इक आँख को तलवार होना चाहिए
और सबसे तेज़ उसकी धार होना चाहिए।
आपका चर्चा करूँ तो दाद मिलने लगती है
आपको औरत नहीं अश'आर होना चाहिए।
आपकी फ़ोटो सभी चलते कमर में घुर्स के
आपको औरत नहीं औज़ार होना चाहिए।
मुल्क के उस पार माओं को चुपाने क्या गया
लोग ये बोले मुझे ग़द्दार होना चाहिए।
ये सभी की जान है इसमें वतन की आन है
इस तिरंगे से सभी को प्यार होना चाहिए।
सब पुराने लोग हैं सबकी पुरानी सोच है
इस वतन की अब नई सरकार होना चाहिए।
याद रखना जब कभी माशूक़ के घर जाओ तो
आदमी फिर साथ में दो चार होना चाहिए।
मैं अकेले क्या करूँगा रोग ये लेकर सुनो
आपको भी इश्क़ में बीमार होना चाहिए।
भूल जाते हैं सभी इक दिन की छुट्टी में यहां
अब न कोई इश्क़ में इतवार होना चाहिए ।
आपकी बेटी से ज़्यादा ख़ूबसूरत है "प्रशांत"
आपकी बेटी को उससे प्यार होना चाहिए।