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हम नारी - poorvi jain (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

हम नारी

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हम नारी
मां सरस्वती का ज्ञान है,

मां शारदा का वरदान है,

हम मां काली का क्रोध हैं,

द्रोपति का प्रतिशोध है,

हम वह लक्ष्मीबाई हैं जो बच्चा लेकर अंग्रेजों से लड़ जाती है ,

कलकत्ते वाली मां भी फिर रणचंडी बन जाती है ,

बनकर प्रेम प्रतीक राधा का

जो मोहन को हर्ष आती है ,

कभी रूप पतिव्रता सीता का रख, अग्नि में जल जाती है ,

हम सावित्री की शक्ति है

जो यम से पति प्राण को हरति हैं
हम करुणा मदर टेरेसा है ,

इंदिरा की शक्ति है,

दुर्गावती का साहस है ,

मीराबाई की भक्ति है ,

हम जीजाबाई की ममता है,

मैरी कॉम की क्षमता है ,

हम प्रतिभा पाटिल की प्रतिभा है, किरण बेदी की रश्मि है ,

युगपुरुष स्वामी जी के शिष्य निवेदिता भगिनी है ,

हम लता मंगेशकर की संगीत की साधना है ,

सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना है, सनसनी सानिया मिर्जा तो,

ऐश्वर्या का आकर्षण है ,

हम वह सुनीता विलियम्स है जो अंतरिक्ष से चलकर आयी हैं ,

हम कल्पना चावला की उड़ान है,

हम इस देश की शान हैं ,

हम गंगा का बहता पानी है ,

भारत की जिंदगानी है ,
हम भूगोल के रक्षक इतिहास के बखानी हैं

भारत में मजबूत लोकतंत्र की अब हम भी एक निशानी है..
पूर्वी प्रांजल जैन

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