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गुनगुनाती धूप - Sapna Pandey (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कवितागीत

गुनगुनाती धूप

  • 49
  • 3 Min Read

#गुनगुनाती_धूप

सर्द मौसम में इंतजार है सुनहरी धूप की
जो मात दे ठिठुरन भरी ठंड के रूप की ✍️

सर्द मौसम में भी जो शरीर को राहत पहुंचा दें
क्या बात है उस #गुनगुनाती_धूप की ✍️

खिड़की से छनकर अंदर आकर जब झिलमिलाती
तो खुद ही शोभा बढ़ जाती आंगन की✍️

पत्तों के कण-कण में समाहित हो सुनहरी आभा बिखेर जाती तो ओस की बूंदों जैसी शोभा बढ़ जाती पत्तों के रंगरूप की✍️

खेत खलिहान बाग बगीचे कहां अछूते इससे
इन सब पर भी लुटाती लाली अपने किरणों की ✍️

जीवन में संजीवनी जैसे हैं ये #गुनगुनाती_धूप
उमंग भर देती हर माहौल में उत्सव की..✍️

✍️Sapna Pandey
Renukoot Sonbhadra UP

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