कविताअतुकांत कवितागीत
#गुनगुनाती_धूप
सर्द मौसम में इंतजार है सुनहरी धूप की
जो मात दे ठिठुरन भरी ठंड के रूप की ✍️
सर्द मौसम में भी जो शरीर को राहत पहुंचा दें
क्या बात है उस #गुनगुनाती_धूप की ✍️
खिड़की से छनकर अंदर आकर जब झिलमिलाती
तो खुद ही शोभा बढ़ जाती आंगन की✍️
पत्तों के कण-कण में समाहित हो सुनहरी आभा बिखेर जाती तो ओस की बूंदों जैसी शोभा बढ़ जाती पत्तों के रंगरूप की✍️
खेत खलिहान बाग बगीचे कहां अछूते इससे
इन सब पर भी लुटाती लाली अपने किरणों की ✍️
जीवन में संजीवनी जैसे हैं ये #गुनगुनाती_धूप
उमंग भर देती हर माहौल में उत्सव की..✍️
✍️Sapna Pandey
Renukoot Sonbhadra UP