कविताअतुकांत कविता
कविता- वो दिन याद करो
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वो दिन याद करो...
जब हम एकसाथ तो थे ,
फिर भी भीड मे हम अकेले थे
वो दिन याद करो
दिल प्यार था सब के लिए ,
लेकिन जेब मे पैसे नही होते थे
कोई ना मिलता, लोग ना देखते थे ।
करवट ली किस्मत ने
भीड़ ही भीड़ बाजू, बीच में है हम
अमीर अब हम, दिल गरीब है,
बात यही एक सच है
दुनिया पैसेवालो के करीब है ।
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अरुण वि.देशपांडे-पुणे
9850177342