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कवितानज़्म
मेरे अल्फ़ाज... 1अगर इश्क़ हादसा है तो इससे गुजरने दो। दो दिलों को इसमें घायल होने दो। 2यह मत पूछो कैसे लम्हा गुजारा करते है, माशूका की तस्वीर कागज पर उतारा करते है। 3अधूरा है चांद, अधूरी है रातें। अधूरे हैं हम,या अधूरी है हमारी चाहते।