Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
पेन ( कलम) - Manu Manish Rajpoot (Sahitya Arpan)

लेखआलेखनिबन्धसमीक्षा

पेन ( कलम)

  • 116
  • 42 Min Read

कलम
कलम यानी कि हमारी जिंदगी का वह हथियार जिसको हमें चलाने के लिए सबसे पहले दूसरों की सहायता लेनी पड़ती थी। याद करो अपने जीवन का वह पहला दिन जब आप कुछ लिखने की कोशिश कर रहे थे। यह वही हथियार था जिसको चलाकर आप अपनी जिंदगी सुधारने का प्रयास करते हैं। जो हम बचपन में अच्छे से पकड़ भी नहीं पाते थे। तब हमारे घर का कोई सदस्य या हमारा वह पहला अध्यापक जो हमें कलम को पकड़ कर कुछ भी लिखवाने का प्रयास करता था। जी हां जिसको आज हम पेन के नाम से जानते हैं। जिसको हिंदी में कलम कहते हैं। आपको अपने बचपन का वह दिन अवश्य ही याद आ गया होगा जब आपने पहली बार हिंदी का कोई अक्षर बनाया होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको इस कलम के बारे में ही बताने का प्रयास कर रहे हैं-

ऐ कलम मेरा थोड़ा सा ये अहसान कर दे,
जो कह न पाई जुवां, उसको तू ही बयां कर दे।।

वैसे तो कलम एक छोटी सी लिखने के काम आने वाली चीज है। लेकिन इसका वार तलवार से भी कहीं ज्यादा होता है। इसके अंदर स्याही भरी होती है, इसका अगला हिस्सा पूरी तरह से धातु का बना हुआ होता है। इसके आगे के हिस्से में नुकीलापन ज्यादा होता है। क्योंकि यह वही हिस्सा है जो हमें लिखने के काम में सहायता करता है। इसके अगले हिस्से में जो नुकीला होता है उसको निप कहा जाता है, इसके अंदर की ओर एक बहुत हि महीन छर्रा पड़ा होता है। यह छर्रा ही अंदर भरी स्याही से लगकर घूमता रहता है। तथा इस छर्रे का बाहरी हिस्सा आधे से कम ही दिखाई देता है। जब भी हम किसी भी चीज पर इसको फिसलाते हुऐ या रगड़ते हुऐ चलाते हैं तो इसका बाहरी भाग लगातार अंदर की स्याही को स्पर्श करते हुए लुढ़कता है, और अंदर की स्याही छर्रे के माध्यम से बाहर चलाए गए पेज, कागज या अन्य तल पर लग जाती है और जो हम लिखना या बनाना चाहते हैं वह बन जाता है। अब हम अपनी कलम के जन्म की कहानी को भी समझ लेते हैं।
इतिहास की माने तो कलम का आविष्कार सबसे पहले इराक में हुआ था जो कि नुकीली धातु के रूप में था और उससे भी पहले रीड पेन का आविष्कार मिस्र में हुआ था तथा साथ ही साथ फाउंटेन पेन के बारे में भी आप जानते होंगे जिसका भारत में 5000 वर्ष से भी पहले से माना जाता है।
बहुत प्राचीन समय का इतिहास देखने पर पता चलता है की हड्डियों के माध्यम से भी लिखने का कार्य किया जाता था। जैसे-जैसे हमारा समय आगे बढ़ता गया और हम आधुनिक पेन की ओर बढ़ते गए। आपने रामायण महाभारत जैसे महाकाव्य को देखा ही होगा क्या कभी आपने सोचा की इसको किस पेन से लिखा गया था। इसके लिए हम आपको बता दें की रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य को लिखने के लिए पक्षियों के पंख का प्रयोग पेन की तरह ही किया गया। अंखियों के पंखों को किसी रंग में डुबोकर उसकी सहायता से इन बड़े-बड़े ग्रंथों और काव्य को लिखा गया है।


भारत में हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के लोगों को सबसे पहले पेन का आविष्कार का श्रेय दिया जाता है मोहन जोदड़ो शहर से कई ऐसे लेख युक्त मोहरे प्राप्त हुई हैं जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि भारत में पेन का आविष्कार मोहनजोदड़ो कालीन का है अगर और गहराई से पेन के इतिहास के बारे में जाने तो आज से लगभग 40000 वर्ष पूर्व और ईसा से 25000 वर्ष पूर्व विश्व में नुकीले पत्थरों के माध्यम से लिखने का कार्य किया जाता था यह वह समय था जब लोग जंगलों और गुफाओं में रहते थे भारतवर्ष में करीब 13 सौ वर्ष पूर्व पक्षियों के पंखों को रंग में डुबोकर लिखने की शुरुआत की गई थी इस तरह के पेन को क्विल पेन के नाम से जाना जाता था हंस बतक और मोर पंख इनमें मुख्य थे।
आज के दौर में दो प्रकार के मुख्य शामिल हैं जिनमें पहला बॉल पॉइंट पेन और दूसरा फाउंटेन पेन शामिल है इनका आविष्कार प्राची पोए नारू को जाता है जबकि बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार का श्रेय जॉन जैकब लाउड को जाना जाता है बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार 1988 में हुआ था और बात करें फाउंटेन पेन की तो इसका श्रेय पेट राजे हुए नारू को जाता है जिन्होंने 25 मई 1857 को इसका आविष्कार किया था। आज जिस प्रकार के कलम या पेन का प्रयोग हम लोग करते हैं उसको धीरे धीरे हम लोगों ने अपनी टेक्नोलॉजी के अनुसार विकसित कर लिया है। आज कल के हिसाब से तो अब पेन अलग अलग तरीके के आते हैं। बहुत से पेन महंगे और बहुत पेन सस्ते कीमतों पर भी बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। अब पेन तो कई अलग अलग रंगों और बनावटों में भी मौजूद हैं। बोर्ड मार्कर, पेंसिल, कलर स्केज ये सभी पेन के ही अलग अलग रूप हैं।
आज भले ही हमारे हाथों में माउस, कीबोर्ड, या मोबाइल क्यों न आ गया हो,लेकिन हम स्कूलों में, दफ्तरों में, थाने में रिपोर्ट लिखने, बैंक में खाता खोलने, तथा अन्य कई चीजों को लिखने के लिए अभी भी पेन का ही प्रयोग करते हैं।
जिस प्रकार से पेन के अलग अलग रूप हैं ठीक उसी प्रकार इसके अलग अलग प्रयोग करने के तरीके भी हैं। एक विद्यार्थी के लिए नीला और काला पेन का प्रयोग उचित माना जाता है। काले पेन का प्रयोग प्रश्नों को लिखने के लिए तथा नीले पेन से उसको उत्तर लिखना होता है। अधिकतर हम लोग नीले पेन का प्रयोग ज्यादा करते हैं। इसलिए नीले पेन की जरूरत और उपलब्धता हर जगह सुनिश्चित है। विद्यार्थी के जीवन का एक अहम हिस्सा भी पेन और किताब तथा कापी को ही बताया जाता है। यूं समझ लो ये तीनों चीज़ विद्यार्थी के जीवन के मुख्य हथियार माने जाते हैं। अगर एक किताब को संपूर्ण शरीर माना जाए तो पेन उसकी आत्मा के समान काम करता है परंतु इस हिसाब से किताब के लिखे शब्द को हम उसका मुख कह सकते हैं। क्योंकि ये शब्द ही हमारी किताब की कीमत तथा उसके वजूद को तय करते हैं।
एक जज के लिए पेन ही उसका सब कुछ होता है। अब वह पेन साक्षों और गवाहों के अनुसार ही जज के द्वारा लिए गए फैसले पर काम करता है। वह पेन ही तय कराता है कि फैसला किस पक्ष की ओर रहेगा। अगर जज ने फैसला सुनाते समय कलम मतलब पेन को तोड़ दिया तो समझ लो कि अब फैसला हो चुका है, जिसको कभी भी बदला नहीं जा सकता है। पेन का महत्व वहां पर बहुत ही ज्यादा हो जाता है या यूं कहो कि इसके आगे केस की अब सुनवाई का अवसर ही खत्म हो चुका है। वही पेन आखिरी फैसला करता है।
पेन का महत्व सबसे ज्यादा तब भी महसूस होता है जब हम किसी ऐसी परिस्थिति में फस जाते हैं, जहां पर कोई ऐसा साधन नहीं होता है कि हम किसी चीज को अपने दिमाग में याद करके रख सकें। उस समय पेन का होना बहुत आवश्यक हो जाता है। हम पास में खड़े हुए व्यक्ति से पूछते हैं कि क्या आपके पास पेन है ? तो उसका जवाब होता है नहीं ! हमारे पास कोई भी पेन नहीं है। तब हमें ये मालूम पड़ता है कि हमारे पास पेन का होना बहुत जरूरी है। किसी खास बात या किसी खास नंबर को लिखने में पेन हमारे लिए एक अहम भूमिका निभाता है। जब हम कहीं भी बैंक में किसी भी काम के लिए जाते हैं, तो वहां भी पेन का होना बहुत आवश्यक है। बैंक में जानें के बाद अगर हमारे पास पेन नहीं है तो हम किसी भी व्यक्ति से मांगकर देखते हैं, वह व्यक्ति अपना पेन हमें दे तो देता ही है, परंतु अपना पेन देने के बाद उसकी पूरी निगरानी आपके ऊपर ही हो जाती है। उस व्यक्ति को लगता है कि कहीं ऐसा न हो कि आप उसका पेन ही लेकर चले जाएं। ऐसी घटना आपके साथ भी कभी न कभी जरूर हुई होगी। आप चाहे कितने भी ईमानदार क्यों न हों लेकिन जिसने आपको अपना पेन दिया है वह तो आपके ऊपर इतनी जल्दी तो विश्वास नहीं करता है। क्योंकि आप उसके लिए एक अंजान व्यक्ति होते हैं। जैसे ही आपका पेन वाला काम खत्म हुआ, वह व्यक्ति तुरंत अपना पेन मांग लेता है। अब उसके द्वारा दिए गए पेन की कीमत चाहे कुछ भी हो। वह पेन सस्ता हो या महंगा उस पेन ने आपको कुछ देर के लिए एक अविश्वसनीय व्यक्ति बना दिया। बेसक ही आप कितने ही ईमानदार रहे हों। ऐसा तो कोई भी सोच सकता है अब अगर आप ही किसी व्यक्ति को अपना पेन देते हैं, तो आप भी उस अंजान व्यक्ति के बारे में बिल्कुल ऐसा ही सोचेंगे।
कुछ रंगों के पेन का प्रयोग भी हमारे हिसाब से सुनिश्चित किया गया है जैसे लाल पेन का प्रयोग एक अध्यापक ही कर सकता है। आपने अपने विद्यार्थी जीवन में देखा ही होगा कि जब आप अपना किया गया कार्य अपने अध्यापक के पास जांच के लिए लेकर जाते थे। आपके अध्यापक आपके द्वारा किए गए काम को जांचने के लिए उसी लाल पेन का प्रयोग करते थे। क्योंकि आप ने अपने कार्य को या तो नीले पेन या काले पेन से किया होगा। कभी कभी हो सकता है आप काले और नीले दोनों पेन का प्रयोग करके काम किया हो। इसलिए हम लोगों के अध्यापक लोग लाल पेन का प्रयोग किया करते थे। दूसरे शब्दों में अगर सरलता से देखा जाए तो लाल पेन का रंग दूर से चमकता है, तो हमारे द्वारा बाकी के दो पेन के द्वारा किए गए काम को अध्यापक के द्वारा दी गई पुष्टि का प्रमाण भी रहता है। अगर इस पेन से जांचे गए काम को कोई भी देखता है तो उसको यह सुनिश्चित हो जाता है कि आपके द्वारा किया गया यह कार्य अध्यापक के द्वारा पुष्टिकरण किया जा चुका है।
पेन का प्रयोग हम लगभग हर जगह ही करते हैं फिर चाहे वो विद्यालय हो, अस्पताल हो, पुलिस स्टेशन हो, रेलवे स्टेशन हो, परीक्षा हो, व्यापार शोध पत्र लिखने में हो, डाक्टर हो या कोई बड़े पद का अधिकारी हो सभी तो पेन का प्रयोग बड़े पैमाने पर करते हैं। एक पत्रकार और एक लेखक इन दोनों लोगों को सबसे अधिक पेन के महत्व के बारे में पता होता है, क्योंकि इन लोगों का काम बिना पेन के कभी भी संभव नहीं हो सकता है। इस पेन के माध्यम से हम वो अपनी सारी बातें कह सकते हैं जो शायद हम अपनी जुबां के द्वारा कभी नहीं कह सकते हैं। हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग के रुप में इस पेन को भी मानना चाहिए।
वास्तव में एक पेन भी हमारे जीवन की सबसे उपयोगी चीजों की लिस्ट का एक महत्वपूर्ण चीज है। इसकी गहराई और महत्व को जो समझ गया, समझ लो उसको भी सफलता प्राप्त होगी ही होगी।

____ मनु मनीष राजपूत ( बी•एस सी • , एम •एस सी • , एम •बी •ए • ) हरदोई ( उत्तर प्रदेश )

logo.jpeg
user-image
समीक्षा
logo.jpeg