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कविताअतुकांत कविता
ऐसो कीजो तो फेर ना किजो, ये ज़माने में फेर ना दीजो, अगले जन्म मोहे बिटिया ना क़ीजो।। ज़माने भर की गाली ना सुन्नी, किसी डर से छुपके ना बैठी या ही जमानो कीजे, पर अगले जन्म मोहे बिटिया ना कीजे।।