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कविताअतुकांत कविता
किसी को किसी के दर्द की सहानुभूति हो ना हो लेकिन दर्द जरूरी है प्रेम के लिए जितना गहरी अनुभूति प्रेम की उतनी ही अकड़ दर्द की #Sobhit_thakre