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यूँ इल्जाम ना लगा - सु मन (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

यूँ इल्जाम ना लगा

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#__यूँ__इल्जाम__ना__लगा



" मैंने तुमसे हजार बार कहा हैं कि मुझे परेशान मत किया करो। यह जो कुछ भी हो रहा हैं ना इन सबकी वजह सिर्फ तुम हो। ना तुम आते ना इतनी प्राब्लमस् होती। अब चले जाओ और दूर रहो मुझसे। "


बगैर सोचे समझे गुस्से में कुछ भी कह दिया। दोष किसी और के सिर पर डालते समय ये भी नहीं सोचा कि क्या सच में वह हमारी परेशानियों की वजह हैं।

कुछ लोगों की आदत हो जाती हैं बात बात पर रोने की, बेवजह दूसरों दोष देने की, खुद को कमजोर समझना और विपरीत परिस्थितियों में किसी खास शख्स पर गुस्सा निकालने की।

ये सरासर गलत हैं कि हम कुछ घटनाओं का कसूरवार उनको ठहरा देते हैं जिनको पता भी नहीं होता कि आपकी लाइफ में चल क्या रहा हैं।


दरअसल जो इंसान बेवजह दोषारोपण करते हैं ना वह निराशाजनक स्थिति से गुजर रहे होते हैं। और इसका सामना करने की बजाय वह कोई ऐसा शख्स तलाशते जिस पर इन सबका दोष लगाया जा सके। और शख्स भी ऐसा तलाशते हैं जो पलटकर उनको जवाब न दे।




क्या इस तरह दोषारोपण करने से परिस्थिति सुधर सकती हैं!??? क्या वह इंसान सच से भाग नही रहा हैं!! क्या ऐसा करने से सब ठीक हो जाएगा???


इसका जवाब हैं नही!!!



भागने, दोष देने से सब ठीक कभी भी नहीं होगा। डटकर सामना करने से ही परिस्थिति से निकला जा सकता हैं।



अगर लाइफ में कुछ नहीं भी चल रहा हैं तो बार - बार उस पर रोने की बजाय कुछ भी बेहतर कैसे हो इस पर काम करना चाहिए।



कुछ लोग इतने नेगिटिव हो जाते हैं कि वह दूसरों को भी अपने जैसा बना देते हैं। ऐसा मत करिए। अगर कोई आपका साथ दे रहा हैं, कुछ समझ रहा हैं तो उसे समझने कि कोशिश किजिए।

और अगर समझ नहीं आ रहा तब झगड़ने की बजाय आराम से भी कहा जा सकता हैं कि, ' मुझे थोड़ा वक्त चाहिए इसके बारें में सोचने के लिए, इस पर काम करने के लिए। '


मुझे भी मिल जाते हैं जो दोष देते हैं, बेवजह झगड़ा करते हैं, जो मन आए सुना देते हैं और इतना नेगिटिव इफेक्ट डालते हैं कि कुछ बाकी नहीं रह जाता।

मैंने काफी कोशिशें की समझाने की पर बात वही हैं ना कि समझना और मानना हैं ही नहीं हमें।

और जब आराम से बैठकर सोचा तो समझ आया कि जो इंसान नकारात्मक विचारों से भर गया हैं उसे सकारात्मक तरीके से समझाना बहुत कठिन होता हैं।

क्योंकि सुनने को यह मिलता हैं कि तुम कौन सा इस दौर से गुजर रहे हो जो समझोगी। कोई नहीं समझता। और कभी कभी तो ऐसा सुनने को मिलता हैं जिसकी उम्मीद भी नहीं थी।
कसूरवार ठहराया जाता हैं। आपका आत्मविश्वास तोड़ने कि कोशिश की जाती हैं।



आपके जीवन में अगर कोई ऐसा शख्स हैं जो दोषारोपण का आदि हो चुका हों वक्त रहते दूरी बना लिजिए उससे। क्योंकि एक वक्त के बाद आपको यह लगेगा कि आप गलत दिशा में काम कर रहे थे। और आपके सभी प्रयास असफल रहे। आप खुद को एक नकारात्मक स्थिति में पाएंगे बेहतर हैं कि जितना जल्दी हो सके निकल जाए इस स्थिति से।


सफलता निरंतर अभ्यास से मिलती हैं। एक बार में कोई भी बाजी नहीं जीतता। बहुत कम लोग होते हैं जिनको पहले प्रयास में ही सफलता मिल जाती हैं।

खुद पर काम करे, अपने लिए काम करे और खुद को इतना मजबूत बना ले कि कोई भी नकारात्मक विचार या परिस्थिति आपके हौंसलों को तोड़ न पाए।

कुछ चीजें वक्त मांगती हैं। एक वक्त के बाद सब बेहतर हो जाता हैं। और वक्त सबका आता हैं।

दूसरों को दोष देना बंद किजिए। क्योंकि ऐसा करते रहने से हम उन रिश्तों को खो देते हैं जो हमारे लिए बेशकीमती हैं।


सुमन




#दिलकीकहानीयां


2 जुलाई 2022

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