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कवितालयबद्ध कविताअन्य
-( बहार के वो लम्हे )- फूल भी अब तो तेरे स्वागत में खिल उठे , यह बहार भी देख सुहानी आयी । बस मेरी तकदीर ही तो मुझसे रूठी थी पर तू क्यूं न मुझसे मिलने ' पगली' वापस आयी ।।