कवितानज़्म
हमसफ़र
सफ़र जीवन का आसान ना होता हैं
अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
बारिश की बूंदों की तरह हर लम्हा
याद ना होता
अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
दिल में प्यार की गहराई भी इतनी गहरी ना होती
अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
जीवन का हर रंग बेरंग सा होता
अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
यादों के पिटारों में यादों का बसेरा ना होता
अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
जीवन की जरुरतों को पूरा करने का जनून ना होता
अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
तेरे कन्धों पर सिर रख कर जीवन का बोझ यूं
दूर ना होता
अगर हमसफ़र तेरा साथ ना होता
नाम-प्रभा इस्सर