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कंगन - Prabha Issar (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

कंगन

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कंगन
मेरा ये कंगन
तेरे दिल की धड़कन
तेरी मेरी नजदीकियों का प्रतीक ये कंगन
रिश्तों की मिठास में खनखनाहठ सी भरता ये कंगन
मेरा ये कंगन
तेरे दिल की धड़कन
तुझे मेरे संग मुझे तेरे संग जोड़ता मेरा ये कंगन
तेरे मेरे जीवन का खुशनुमा एहसास ये कंगन
एक दूसरे में छुपी हुई शीतलता का खुबसूरत एहसास
ये कंगन
बिन बोले हर एक बात महसूस करवाता ये कंगन
मेरा ये कंगन
तेरे दिल की धड़कन
दिल में कई नये अरमान जगाता ये कंगन
तेरे मेरे बीच की गुफ्तगू का गवाह ये कंगन
मेरा ये कंगन
तेरे दिल की धड़कन
तेरी मेरी मुस्कुराहट को होठों पर सजाये रखना वाला
ये कंगन
मेरा ये कंगन
तेरे दिल की धड़कन
तेरे मेरे बीच हसीन लम्हों का ज़िक्र फुर्सत में करवाता
ये कंगन
मेरा ये कंगन
तेरे दिल की धड़कन
__prabha Issar

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