Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
तुम्हारी साँस बन जाऊ - लोकेश्वरी Kashyap (Sahitya Arpan)

कवितानज़्मअतुकांत कवितागजलगीत

तुम्हारी साँस बन जाऊ

  • 204
  • 6 Min Read

शीर्षक : तुम्हारी साँस बन जाऊं

दिल की बस यही तमन्ना है, तुम्हारी साँस बन जाऊं l
तुम मेरी पहचान बनो, मैं तुम्हारी पहचान बन जाऊं l
तुम मुझ में समा जाओ, मैं तुझ में समा जाऊं l
तुम मेरी जान बन जाओ, मैं तुम्हारी जान बन जाऊं l


दिल की बस यही तमन्ना है,तुम्हारी साँस बन जाऊं l
बस तुझे ही गाती रहुँ, बस तुझे ही गुनगुनाऊं l
मेरा मुझमें कुछ बाकी रहे ना,बस तुझ में ही डूब जाऊं l
खुद को खो दूं इस कदर की,ढूंढू खुद को तो तुझे ही पाऊं l


दिल की बस यही तमन्ना है,तुम्हारी साँस बन जाऊं l
बस तेरा ही दर्शन करूं मैं, चाहे जहां भी जाऊं l
खुद को चाहे भूल भी जाऊं,पर तुझे भुला ना पाऊं l
कितनी मोहब्बत करती हूं तुझसे, मैं कैसे तुझे दिखाऊं l


दिल की बस यही तमन्ना है, तुम्हारी साँस बन जाऊं l
एक बस मुझे याद रहे तू,बाकी सब भूल जाऊं l
देना पड़े चाहे कोई इम्तिहान कभी ना मैं घबराऊ l
तुझसे खुद को हार के मैं ,तुझको जीत जाऊं l



दिल की बस यही तमन्ना है, तुम्हारी साँस बन जाऊं l
जैसे मीरा समा गई तुझमें कान्हा, एक दिन मैं भी समा जाऊं l
थाम ले मेरा हाथ गिरधर,मैं भवसागर तर जाऊं l
मुझपर ऐसी कृपा करो हे कन्हैया,नित तेरा ही दर्शन पाऊं l



लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
20/12/2021

20210925_114213_1639991410.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg