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मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां - Prabha Issar (Sahitya Arpan)

कविताबाल कविता

मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां

  • 169
  • 3 Min Read

मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां
जैसे मिट्टी का पानी से
जैसे समंदर का गहराई से
जैसे दुःख का सुख से
मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता
जैसे फूलों का कलियों से
जैसे सांसों का धड़कनों से
जैसे रोती हुई आंखों से
हंसी की किलकारियों तक
जैसे चलते हुए छोटे छोटे कदमों से
उठते हुए बड़े बड़े कदमों तक
जैसे उलझन से लेकर
जीवन की सुलझन तक
मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता
जैसे छोटे छोटे हाथों को पकड़ने से
लेकर बड़े बड़े हाथों को थामने तक
जैसे अच्छे से लेकर बुरे तक की समझ तक का
मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता
जैसे बचपन की हंसी से लेकर
जवानी के पड़ाव तक का
मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां
__prabha Issar

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Muskan Sharma

Muskan Sharma 2 years ago

Very nice heart touching lines

Muskan Sharma

Muskan Sharma 2 years ago

Mother is first and forever best friend of a daughter ❤️🥰

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