सुविचारप्रेरक विचार
मां का चेहरा
रोम रोम में बसा मां का चेहरा
मां जीवन का अनमोल खजाना
बिन बोले दुखों को पहचान लेती हैं
उलझी हुई सब परेशानियां सुलझा देती हैं
रातों को उठ उठ कर मेरी तकलीफ़ में मां तेरा जागना
मेरी एक आवाज़ लगाने पर तेरा नंगे पांवों दौड़ कर आना
मां का चेहरा
अपनी तकलीफ़ मेरे सामने ज़ाहिर ना होने देना मां मेरी हर तकलीफ़ को तेरा अपना लेना
मां का चेहरा जीवन भर मेरे साथ चलने वाला मेरा अपना आईना
मां का चेहरा रोम रोम में बसा मां का चेहरा
मां दुनिया का अनमोल खजाना
__prabha Issar