Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जरुरी तो नहीं - Prabha Issar (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

जरुरी तो नहीं

  • 81
  • 2 Min Read

जरुरी तो नहीं
जरुरी तो नहीं मैं अपना हर लम्हा
हाथ से जाने दूं
ग़म तनहाई अंधेरे ख़ामोशी
जरुरी तो नहीं
उलझनें सब से सुलझाता फिरू
जुबां पर आये हुएं लफ्ज़ जुबां में ही
रुक जाते हैं
जरुरी तो नहीं
दुनिया को तमाशा दिखाना हर एक लम्हा
मेरा है
जरुरी तो नहीं
मैं अपना हर लम्हा हाथ से जाने दूं
दोस्तों जरुरी तो नहीं
______prabha Issar

1636454408.jpg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
आग बरस रही है आसमान से
1663935559293_1717337018.jpg