कविताअन्य
विषय,,, शिक्षा
विधा,,,, चतुष्पदी मुक्तक
(1)
माप:-21
गुरुजन सब हो अति पूर्ण गुणवान व दक्ष
सारे शिष्यों प्रति जो रहते सदा निष्पक्ष
यदि देते हैं सत्य ज्ञान नेह व निष्ठा से
पूर्ण होगा तब हमारी शिक्षा का लक्ष्य
(2)
माप:-24
ज्ञान ज्योति से राह दिखा गुरु करते कल्याण
मात प्रदत्त संस्कारों में यही फूंकते प्राण
चतुर केवट है, जीवन नैया का खिवैया
एकलव्य में गुरुभक्ति का साक्षात प्रमाण
स्वरचित
सरला मेहता
इंदौर