कहानीलघुकथा
हव्वा नहीं कोरोना
डरो नहीं हारो नहीं
हव्वा नहीं है कोरोना
समझो अर्थ दुनिया वालों
ईश्वर की चेतावनी का
पथ भ्रष्ट हो गए थे
अपना धर्म भूल गए
बच्चों को सबक सिखाने का
बीड़ा प्रभु ने उठाया है
महावीर के देश में देखो
जीवों को भोजन बनाया है
शाकाहारी सादा भोजन
स्वस्थ सुखी बनाता है
नित करो स्नान ध्यान
धूप दीप जलाना है
घर के इक इक कोने को
सदा साफ़ ही रखना है
दूर की राम राम भली
शुभ कामना फैलाना है
हिंदुस्तानी नमस्कार को
दुनिया को सिखलाना है
सरला मेहता
इंदौर