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कविताअतुकांत कविता
हाइकु मातृ स्वरूपा प्रथम पूज्या नदी प्राण आधार बिन सलिला जीवन है दुश्वार कार्य अधूरे तुम्हारे बिना वन जंगल सूखे विधवा धरा सरिता सूखी जन जीवन त्रस्त दुखी प्रकृति जल अभाव कर्दप मीन सीप पंछी उदास सरला मेहता इंदौर स्वरचित