कहानीअन्य
मीठी गोली
राजू ~ खेत मैं मजदूरी कर रहे अपने बापू से राजू
बापू देखो आज मेरे दोस्त का जन्मदिन था
तो उस ने सब को मीठी गोली दी है, मुझे
दो दी एक तो मेने खाली एक मुनी के लिए
रख दी है,
बापू ~ पर राजू कब तक तु इसे हाथ में रखेगा
कुछ देर में ही ये पिघल जायेगी पूरा हाथ
मीठा होकर पानी बन जायेगा, रुक मैं ये
आम का पत्ता देता हूँ इस में लपेट के घर
ले जा तो ये ठीक रहेगी,
राजू ~ मुनी देख मैं तेरे लिए क्या लाया हूँ
मुनी ~ अरे ये तो मीठी गोली है मेने दुकान
में देखी थी, कहा से मिली भाई
राजू ~ मेरे दोस्त का जन्म दिन था उस ने
मुझे दो दी थी एक में रख लिया
दूसरा तेरे लिए लाया हूँ,
मुनी ~ भाई क्या तेरा भी जन्म दिन आएगा तो
तुम भी स्कूल मैं मीठी गोली दोगे सब
को बोल ना भाई, राजू और बापू एक
दूसरे का देखने लगते हैं , मुनी मजे से
गोली खा रही हैं,