Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
सौगात तिरंगे की - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

सौगात तिरंगे की

  • 171
  • 3 Min Read

सौगात तिरंगे की

सरहदों के पहरेदारों
हिन्द के ओ सूरमाओं
सौप कर हमको तिरंगा
वो सितारे बन गए हैं
केसरी बाना पहनकर
कफ़न अपना ही सजाए
माँ बहन और सजनी मिलके
विजय टीका है लगाए
तिरंगे की शान खातिर
खुद निछावर हो गए हैं
सौप आज़ादी हमें वो
अंतिम सफ़र पर चल पड़े
खुश रहो भारत के वासी
ये सभी से कह गए वो
शोर अब सब बंद कर दो
वीर प्यारे सो रहे हैं
कारगिल के ओ शहीदों
सौरभ विक्रम नचिकेतों
क़ुरबां हुए प्यारे हज़ारों
माँ का आँचल सूना करके
पिता के कांधों पे सोए
ओढे तिरंगा जा रहे हैं
सरहदों के पहरेदारों
हिन्द के ओ सूरमाओं
सौप कर हमको तिरंगा
वो सितारे बन गए हैं
सरला मेहता
इंदौर
स्वरचित

logo.jpeg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
आग बरस रही है आसमान से
1663935559293_1717337018.jpg