Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
झाँसी की रानी - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

झाँसी की रानी

  • 199
  • 4 Min Read

झाँसी की रानी

मर्दों में मर्दानी थी वो
झांसी वाली रानी थी

मणिकर्णिका नाम था
मनु बेटी कहलाती थी
नाना साथ खेलती थी
भाले कटार खिलौने थे

वीर मनु महलों में आई
लक्ष्मी गंगाधर राव बनी
विधान विधि का कैसा
सूनी रानी की मांग हुई

ऐसे में फिरंगी आ पहुँचे
डलहौज़ी वॉकर स्मिथ
व्यापारी बन पासे फ़ेंके
भारत में धाक जमा बैठे

रानी नाना व साथियों ने
बिगुल युद्ध ऐसा गुंजाया
छक्के छूटे फिरंगियों के
रणभूमि में शक्ति दिखाई

काना मंदरा सखियाँ लेके
दोनों हाथों तलवारें चली
प्यारे घोड़े ने घायल होके
रानी को अलविदा कहा

नया नया घोड़ा रानी का
ना हार भवानी मानी थी
लड़ी आखरी साँसों तक
नदियाँ लाल बहाती रही

लड़ती हुई रणचंडी माँ ने
स्वयं का बलिदान दिया
अमर ज्योति बन होम हुई
इतिहास नवल लिखा गई
सरला मेहता
इंदौर
स्वरचित

logo.jpeg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg