कविताबाल कविता
दादी आयी"
दादी आयी दादी आयी ।
संग किस्से कहानी लाई।।
चिंटू मिंटू मंजू अंजू आओ।
सुनो कहानी कान लगाओ।।
एक कहानी गुब्बारे की।
औऱ भालू की हमे सुनाओ।।
क्या देखा हैं बाघ को तुमने,।
शेर के किस्से भी सुनाओ।।
बचपन अच्छा या जवानी।
एक राजा की कहो कहानी।।
क्यो बादल काले काले होते।
क्यो नभ से बरसा ये पानी।।
क्यो पौधा ऊपर उठता हैं ।
जड़ नीचे को क्यो जाती ।।
आसमान का रंग नीला क्यो।
धरती धानी क्यो कहलाती।।
क्यो तुमने ये साड़ी पहनी।
वो कुर्ता दादा को पहनाया हैं।।
हमको अगर भगवान बनाते।
फिर भगवान किसने बनाया हैं।।
इतने सारे छोटे छोटे बच्चे ।
कैसे जल्दी बड़े हो जाते है।।
कहा से जन्म लेकर आते सब।
औऱ फिर कंहाँ गायब हो जाते हैं।।
दादी अपनी आँख घुमाती।
चटपटी कहानी एक सुनाती।।
सब चकित रह जाते है तब।
अपने सारे उत्तर पाते हैं जब।।
रोज यहाँ अब चौपाल लगती।
बच्चो संग वो खूब चहकती ।।
सारी बाते अपनी उनसे कहकर।
दादी खुश हैं फिर बच्ची बनकर।।