कविताअतुकांत कविता
जयहिंद जयहिंद जयहिंद
जन्मदिन आज आपका
नेता जी सुभाषचंद्र बोस
पराक्रम की गाथाओ से
दिवस पराक्रम कहलाया
गरम दल के अग्रणी नेता
ईंट से ग़र प्रहार करे कोई
पत्थर से ज़वाब वे देते थे
अपने मन के मालिक थे
ख़ुद के दम पर लड़ते थे
क्रांतिकारियों को मिलाके
जर्मनी जाकर गुपचुप से
रासबिहारी संग मिल के
आज़ाद हिंद फ़ौज बनाई
दुर्गा सी अनेक वीरांगनाएँ
निकल पड़ी देशसेवा को
जयहिंद नारा वो दोहराते
आज़ादी के सब दीवाने
तुम मुझे खून दो वे कहते
आज़ादी का वचन थे देते
दुर्घटना विमान में नेताजी
देश के नाम शहीद हुए थे
वीर सपूत भारतमाता के
करते हम शत शत नमन
जयहिंद जयहिंद जयहिंद
सरला मेहता
इंदौर
स्वरचित