Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
वसंत ऋतु और हम - Antara Choudhury (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

वसंत ऋतु और हम

  • 189
  • 2 Min Read

इश्क़ का धागा जब तुझ संग जुड़े,
मेरा जहाँ मुझे मुस्कुराता मिले ,

वसंत ऋतु में जैसे होली खेले राधा-कृष्ण,
वैसे ही तुम संग खेलु मैं ,

इश्क़ का इज़हार करें न कोई,
फिर भी इश्क़ छुप पाए न हमारे,

दुनिया को लगे ये मेल है अनोखा,
इस जग में दूजा हम सा कोई दिखे ना,

तू मिल जाए तो मेरे हसीन ख्वाबों को,
नई मंज़िल मिल जाए,
फिर मेरी ज़िन्दगी पूरी हो जाए ,
जब वसंत ऋतु में तू और मैं मिलकर हम बन जाए ।।

1617272904.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg