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बंदर मामा - Meeta Joshi (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविताबाल कवितालयबद्ध कविताबाल कविता

बंदर मामा

  • 619
  • 4 Min Read

इतनी पावर मुझे दिला दो,
हे भगवान,मुझे बंदर बना दो।
फुदक-फुदक कर जाऊंँ मैं,
हाथी,मोर,हिरण,शेर से, प्यारी दोस्ती निभाऊंँ मैं।

★पेड़ पर चढ़ अमरूद तोड़ लूँ,
चुन्नू के घर से चने चोर लूँ,
बच्चे-बूढ़ों की टोली को,डर से आज भगाऊँ मैं।

★मदारी संग नाच-नाच कर,
ता-ता थैया कर जाऊंँ मैं।
कमर मटका कर,हाथ हिला कर,
सबको खूब हँसाऊँ मैं।

★कभी पेड़ से जामुन तोड़कर,मगरमच्छ से दोस्ती निभाऊंँ मैं।
कभी टोपीवाले की टोपी चोरकर,अपने सिर सजाऊँ मैं।
कभी दो बिल्लियों की लड़ाई में,अपना फायदा उठाऊँ मैं।
भगवान मुझे बंदर बना दो,डाल-डाल पर जाऊंँ मैं।
सबसे ऊपर डाल पर चढ़कर,जंगल का राजा बन जाऊंँ मैं।
हे भगवन मुझे बंदर बना दो, फुदक-फुदक कर जाऊंँ में।

© मीताजोशी
जयपुर(राज.)

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Mukesh Joshi

Mukesh Joshi 3 years ago

Amazing 🤣

Girish Upreti

Girish Upreti 3 years ago

रोचक कविता

Shivangi lohomi

Shivangi lohomi 3 years ago

Wah wah 😂👌👌👏 superbb ❤️🎉

Meeta Joshi3 years ago

Thanks❤️

प्रपोजल
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