कविताअतुकांत कविता
तीव्र वेदना,
मस्तिष्क में अंतर्द्वंद
विवशता कैसी,
संवेदनाओं पर प्रश्न
गूढ़ रहस्य.....
प्रेम भी क्या बंधन है,
विचारों के दास हो तुम
या फंसे हो किसी
मृग-मरीचिका में
गूढ़ रहस्य.....
अस्वीकार कर आत्मा को,
शरीर को ही
सतत मानकर
स्वतंत्र हो जाना चाहते हो
गूढ़ रहस्य.....
मौन,सर्वत्र मौन,
एकमात्र आकांक्षा, सर्वत्र शांति
असंभव मनोभावों को
संभव बनाना चाहते हो
गूढ़ रहस्य.....
शालिनी शर्मा"स्वर्णिम"
इटावा, उत्तर प्रदेश