कवितालयबद्ध कवितागीत
जिंदगी मिली मुझे इक तेरे ही साथ से
चलना यू ही साथ मेरे
छोड़ न देना कही हाथों को हाथ से
मेरे ख्वाबों का आशियाना तू हैं
मेरे गीतों का सफर सुहाना भी तू हैं
साथ तेरा इतना क्यों भाए मुझे
तेरे आगे अब नजर कुछ न आता है
जिंदगी मिली मुझे .........
इक तुझे खोने से कितना हम डरते है
बिछड़ के जीने से अच्छा हम मरते है
रोम -रोम में बस गए हो तुम
देखो ना कितना प्यार हम तुम्हे करते हैं
जिंदगी मिली मुझे ....
तेरा ही सुरूर दिल पर छाया है
हर घड़ी हर वक्त नगमा तेरा ही गाया है
सुन लो तुम मेरे दिल की पुकार
तेरे साथ जीने मरने का आज दिन आया है
जिंदगी मिली मुझे इक तेरे ही साथ से
चलना यू ही साथ मेरे
छोड़ न देना कही हाथों को हाथ से ....