Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जुदाई - Dipti Sharma (Sahitya Arpan)

कवितागीत

जुदाई

  • 184
  • 6 Min Read

नमन मंच
दिनांक --२०/०३/२०२१
वार-- शनिवार
आयोजन--सा रे गा मा ( अंत का आरंभ )भाग--३
विधा--गीत
विषय-- #जुदाई

जुदा हो गयी अपनी राहें, ओ मेरे दिलदार।
खिजाँ में बदली हर फिजायें, रूठी सभी बहार।।
(लड़का)
न हम बेवफा न तुम बेवफा, फिर क्यों छूटा साथ।
चलते- चलते ही राहों में, छुड़ा लिया जो हाथ।।
ताश के पर्ण सा बिखर गया, ख्वाबों का संसार।
जुदा हो गयी अपनी राहें , ओ मेरे दिलदार।।
(लड़की )
दिल में दर्द आज डूब गया, नीर भरे हैं नैन।
आई रुत तन्हाईयों की, दिल मेरा बैचेन।।
आखिर ऐसी क्या हुई खता , रूठ गया क्यों प्यार।
जुदा हो गयी अपनी राहें, ओ मेरे दिलदार।।
(लड़का)
कागज नहीं है जो फाड़ दूँ, ये मेरा इकरार।
दुनिया तो आज छोड़ दूँ पर, छोड़ूँ कैसे प्यार।
मिलने के पहले बिछड़ गये, दिल में हाहाकार।
जुदा हो गयी अपनी राहें, ओ मेरे दिलदार।।
(लड़की)
बिखरे हैं राहों में काँटें , दिल में है तूफान।
शीश महल से थे सब वादे , हुये आज निष्प्राण।
मिली जुदाई जीवन भर की, दिल मेरा बेजार।
जुदा हो गयी अपनी राहें , ओ मेरे दिलदार।।
खिजाँ में बदली हर फिजायें, रूठी सभी बहार।।

दीप्ति शर्मा "दीप"
जटनी( उड़ीसा)
स्वरचित व मौलिक

IMG-20210320-WA0024_1616255535.jpg
user-image
Anamika Sharma

Anamika Sharma 3 years ago

बेहद खूबसूरत

Dipti Sharma3 years ago

धन्यवाद जीजी

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg