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तुम जो मिले - jyoti batra (Sahitya Arpan)

कवितागीत

तुम जो मिले

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तुम जो मिले जिंदगी मिल गई
खोई हुई हर खुशी मिल गई
थामा जो दामन यू प्यार से
दिल को धड़कने की वजह मिल गई
तुम जो मिले.....

सांस ठहरी सी थी, लब भी थे बेजुबान
सुना सुना सा था, ये सारा जहां
तुमसे मिल के, जीने की ,वजह मिल गई
रूठी रातो को जैसे सुबह मिल गई
तुम जो मिले...



थामा है जो तेरा हाथ, तो निभाएंगे साथ
चाहे कितने भी तूफान हो या गम की सौगात
ठहरे दरिया को लहरो की, ताज़गी मिल गई
बुझते दीपक को जैसे रोशनी मिल गई
तुम जो मिले......
खोई हुई हर......

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